जम वो हैं जो भर के चालकता हैं
प्यार वो हैं जो आंखों से झलकता हैं
लहरों को कभी न छुपा पाएंगे
समुन्दर्रोशनी कभी न छुपेगी शमा के अंदर
चेहरा खामोश आएनी मैं उतर्जयेगा
रंग खुशबु हवाओं मैं बिखर जाएगा
फूल वो हैं जो महकता हैं
साज़ वो हैं जो नगमों पर खनकता हैं
प्यार वो हैं जो आखों से झलकता हैं
प्यार वो हैं जो आंखों से झलकता हैं
लहरों को कभी न छुपा पाएंगे
समुन्दर्रोशनी कभी न छुपेगी शमा के अंदर
चेहरा खामोश आएनी मैं उतर्जयेगा
रंग खुशबु हवाओं मैं बिखर जाएगा
फूल वो हैं जो महकता हैं
साज़ वो हैं जो नगमों पर खनकता हैं
प्यार वो हैं जो आखों से झलकता हैं
प्यार की चाहत की नए रौशनी दिखानेयाया हूँ मैं तो दिलों से नफरते मितानेसारी दुनिया से हम दोस्ती निभाएंगे प्यार का गीत साडी उमर गुन गुनायेंगे प्यार वो है जो आखों मैं झलकता हैं ।
शशि कुमार
मेल mi ईट
शाशिआन्सू @इन.कॉम
No comments:
Post a Comment