रुकावटे मिली बड़ी, तूफान विकट, आंधी घनी।।
हर मार्ग पर प्रशस्त जो, आज भी सशक्त जो।।
लौह रथ पर सवार, तीव्र लय तांडव करे ।
अनेक अश्व हाथ में, किसी से कभी न डरे।
है वीर जो, जुझार जो, शक्ति की ललकार जो।
मैं तेज़ वो सवार हूँ। युद्ध में प्रचंड हूँ। शांति में अखंड हूँ।
Posted from WordPress for Android By Shashi Kumar (Aansoo)
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on: September 09, 2015 at 11:17PM
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